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MH 35 जिला गोंदिया आरटीओ, पिन कोड, तहसील, सबसे बड़ा गांव और इतिहास | MH 35 District Gondia

MH 35 जिला | MH 35 RTO | MH 35 कौन सा जिला है | MH 35 कहां का है | गोंदिया कहां पर है | गोंदिया पिन कोड | गोंदिया में कितने गांव है | गोंदिया सबसे बड़ा गांव | गोंदिया का इतिहास | गोंदिया क्यो प्रसिद्ध है

हेलो दोस्तों कैसे हैं आप सब. आज बात करने वाले हैं महाराष्ट्र में मौजूद एक जानेमाने जिले गोंदिया के बारे में। गोंदिया नाम पहले शायद आपने सुना ही होगा।

एमएच-35  जिला नाम | गोंदिया आरटीओ कोड, कार्यालय का पता 

यदि आप एमएच-35 गोंदिया आरटीओ कोड, कार्यालय का पता और संपर्क नंबर, साथ ही पिन कोड के साथ वाहन पंजीकरण क्षेत्र के बारे में जानकारी ढूंढ रहे हैं, तो आप सही जगह पर आए हैं!

गोंदिया पिन कोड

एमएच-35 गोंदिया के लिए आरटीओ कोड को संदर्भित करता है, जो महाराष्ट्र के अद्भुत राज्य में स्थित है। गोंदिया में आरटीओ कार्यालय उप क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय, फुलचूर नाका, फुलचूर टोला, गोंदिया में पाया जा सकता है, जिसका पिन कोड 441 601 है।

गोंदिया जिला में कितनी तहसील है

अब, उन क्षेत्रों के बारे में बात करते हैं जो MH-35 RTO क्षेत्राधिकार के अंतर्गत आते हैं। इनमें आमगांव, अर्जुनी मोरगांव, देवरी, गोंदिया, गोरेगांव, सड़क अर्जुनी, सालेकसा, तिरोरा और तुमसर जैसे तालुका शामिल हैं। आरटीओ में गोंदिया और भंडारा जैसे जिले भी शामिल हैं।

गोंदिया आरटीओ फोन नंबर

यदि आपको एमएच-35 गोंदिया आरटीओ कार्यालय से संपर्क करने की आवश्यकता है, तो आप उनसे फोन नंबर 07182‐237321 पर संपर्क कर सकते हैं। 

गोंदिया आरटीओ ईमेल

वैकल्पिक रूप से, आप उन्हें [email protected] पर एक ईमेल भेज सकते हैं।

गोंदिया आरटीओ वेबसाईट

 अधिक जानकारी के लिए आप एमएच आरटीओ की वेबसाइट transport.maharastra.gov.in ट्रांसपोर्ट.महाराष्ट्र.जीओवी.इन पर जा सकते हैं।

गोंदिया जिला का कहां है

गोंदिया नागपुर से लगभग 170 किमी की दूरी पर मौजूद है। मुंबई नागपुर नेशनल हाईवे ही इस जिले का इकलौता नेशनल हाईवे है जो लगभग 100 किमी लंबा है। बीच में ये रोड चंद्रपुर और भंडारा जैसे जिलों से भी जुड़ा हुआ है। जो नागपुर से गोंदिया का रास्ता स्ट्रीट ट्रांसपोर्ट बस से 4 घंटों में तय किया जा सकता है। गोंदिया से जबलपुर नागपुर रायपुर और हैदराबाद तक सीधी बसें मिल जाती हैं।

इसके अलावा हवाई मार्ग से भी यहां आया जा सकता है। गोंदिया से 12 किमी दूर गोंदिया एयरपोर्ट मौजूद है जो सबसे पहले वर्ल्ड वॉर 2 के समय अंग्रेजों द्वारा एयर स्ट्रिप के तौर पर बनाया गया था।

इसके बाद 1998 में ये एमआईडीसी के अंडर आ गया फाइनली 2005 में एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने इसका नियंत्रण ले लिया इसके बाद इसके रनवे की लंबाई को बढ़ाकर 2300 मीटर कर दिया गया।

गोंदिया जिला का क्षेत्रफल

गोंदिया जिला पूर्वोत्तर महाराष्ट्र में 5234 वर्ग किलोमीटर के विस्तृत भूभाग पर फैला हुआ है। गोंदिया शहर इस जिले का मुख्यालय है। इस शहर को महाराष्ट्र की राइस सिटी कहा जाता है। क्योंकि महाराष्ट्र में यहां सबसे ज्यादा चावल की मीले मौजूद हैं।

गोंदिया जिला की जनसंख्या

 देश के बाकी हिस्सों की तरह यहां 2011 में जनगणना की गई। उन्हीं आंकड़ों के अनुसार गोंदिया में लगभग 135 लाख लोगों की आबादी पाई जाती है जो लगभग मोरिशस देश और अमेरिका की न्यू हैम्स फयर स्टेट की जनसंख्या के बराबर है। जिनमें से लगभग 12 प्रतिशत लोग शहरी क्षेत्रों में निवास करते हैं।

गोंदिया जिला में कितने तहसील हैं

 यह जिला नागपुर डिवीजन का भाग है जो आठ तहसीलों से मिलकर बना है। यहां के विशाल क्षेत्रफल को जनसंख्या के हिसाब से बांटा जाए तो हर एक 1 वर्ग किलोमीटर के इलाके में 253 व्यक्तियों का जनसंख्या घनत्व पाया जाता है। साथ ही साक्षरता की बात करें तो यहां की जनसंख्या में से लगभग 85 प्रतिशत आबादी पढ़ी लिखी है।

 जिसका असर यहां के लोगों में साफ-साफ नजर आता है लिंगानुपात के मामले में यह देश में सबसे अच्छे एवरेज पर माना जाता है। यहां की आबादी में प्रति हजार पुरुषों पर 996 महिलाओं का लिंगानुपात पाया जाता है। 

गोंदिया जिला की भाषा

महाराष्ट्र का अभिन्न हिस्सा होने के कारण यहां सबसे अधिक बोले जाने वाली भाषा मराठी है। जो यहां के 73 फीसदी लोगों द्वारा बोली जाती है। इसके अलावा 10 प्रतिशत हिंदी और बाकी बची रीजनल लैंग्वेजेस बोली जाती हैं। जिसमें गोंडी नाम की स्थानीय भाषा भी है। 

गोंदिया जिला का इतिहास

जो यहां रहने वाले विशेष गोंड समुदाय की भाषा है इसी समुदाय की वजह से इस जिले और शहर को गोंदिया के नाम से जाना जाता है।

 अंग्रेजों के समय बनाई गई रेलवे लाइंस के रास्ते में होने के कारण इस इलाके में आर्थिक सुधार देखने को मिला था। आज के समय यहां की इकॉनमी में सबसे ज्यादा प्राइमरी सेक्टर का हिस्सा है जिसमें सबसे ज्यादा चावल की मील और गन्ने की खेती होती है।

 3300 मेगावाट की सब्सिडियरी भी यहां बनाई जा रही है। पूरे गोंदिया जिले में लगभग 700 हेक्टेयर टेर में इंडस्ट्रियल एरिया मौजूद है। जिनमें लगभग 1364 इंडस्ट्रीज रजिस्टर्ड हैं। जिनमें खाने पीने से लेकर टेक्सटाइल लेदर केमिकल्स पेपर और वुड जैसे इंडस्ट्रीज रजिस्टर्ड हैं। इन इंडस्ट्रीज के सुचारू रूप से संचालन के लिए अंग्रेजों के समय से ही ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर बिल्ड किया जाने लगा था।

 यहां पहली बार 1888 में रेलवे लाइन बनकर तैयार हुई थी जो नागपुर से बंगाल में राजनंद गांव तक बिछाई गई इसके बाद समय के साथ-साथ यह लाइन आगे कई जगहों तक एक्सटेंड की गई। साथ ही आसपास के जिलों से भी इसे जोड़ा गया।

 मुंबई हावड़ा लाइन बनाना यह क्रांतिकारी साबित हुआ इसके बनने के बाद से यहां फ्रेट और पैसेंजर्स का मूवमेंट काफी ज्यादा बढ़ गया।

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