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बृजभूषण शरण सिंह दबदबा जूते की नोक पर साक्षी मलिक। Brij Bhushan Sharan Singh Sakshi Malik NEWS

बृजभूषण शरण सिंह और साक्षी मलिक न्यूज | Brij Bhushan Sharan Singh Sakshi Malik NEWS

दबदबा था दबदबा है और दबदबा रहेगा । यह दबदबा तो भगवान ने दिया है बृजभूषण शरण सिंह और उनके समर्थकों की जो यह शब्द थे यह चर्चा का विषय बन गए थे क्योंकि जब यह शब्द निकले थे उससे थोड़ी देर पहले तस्वीर निकाल कर आई थी जहां पर साक्षी मलिक ने अपने जूते को प्रेस कॉन्फ्रेंस में रखकर कहा था कि आई क्विट रेसलिंग मतलब मैं रेसलिंग छोड़ रही हूं। थोड़ी देर बाद बजरंग पुनिया भी प्रधानमंत्री के आवास के बाहर जाते हैं और अपने जो पद्म अवार्ड है उनको वहां रख देते हैं। और कहते हैं कि मैं एक सामान्य व्यक्ति हूं जो इस सम्मान का हकडार नही।

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 लेकिन 45 घंटे के अंदर वह संजय सिंह जी ने नया-नया अध्यक्ष बनाया गया था। रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया काउसे कमेटी को ही सरकार ने ही रद्द कर दिया और गौर करने वाली बात यह की सरकार भी बीजेपी के बृजभूषण भी बीजेपी के हैं और इस फैसले के बाद बृजभूषण शरण सिंह और उनके समर्थक समझ नहीं पा रहे की करें तो करें । 

क्या बोले तो बोल क्या क्योंकि कहा तो गया था दबदबा है डबडबाहा रहेगाइसके बाद जेपी नोएडा से मुलाकात हुई बृजभूषण ने कहा कि नहीं फेडरेशन से मेरा लेना देना नहीं है पत्रकारों ने उसे सवाल को लेकर पूछा कि सर वह दबदबा का क्या कहानी है तो उन्होंने कहा कि मुझे दबदबा है का पोस्ट है उससे मेरा कोई लेना देना नहीं है।

उसे पोस्ट को हाथ में लिए खड़े थे लेकिन अब बृजभूषण कह रहे हैं कि मेरा जो विपक्ष वाले लोग हैं वह आज बड़े खुश हैं।

 और आप बृजभूषण शरण सिंह पर चढ़ने की कोशिश की जा रही है # चलाए जा रहे हैं डबडबाज जूते की नोक पर कहानी के अतिशयोक्ति दोनों तरफ से नहीं होनी चाहिए।

 लेकिन अब दोनों तरफ से अपना-अपना समर्थन और विरोध किया जा रहा है। जिस दिन साक्षी मलिक ने रिटायरमेंट का ऐलान किया उस दिन भूषण के समर्थकों ने उस दिन जबरदस्त माहौल बनाया। अब जबफेडरेशन रद्द हुआ है। तब उधर वाले कह रहे हैं कि भैया दो दिन का दबदबा था कई लोग और बना रहे हैं कि तब दबा दब गया । एक #ट्रेड चल रहा है कि दबदबा जूते की नोक पर।

अपने-अपने तरीके से उपहास सुनने की माहौल बनाने की कोशिश की जा रही है।लेकिन सवाल यह है कि सरकार ने यह किया क्योंक्योंकि बृजभूषण तो उनके अपने सांसद है और कहा जाता है कि एक दिन पहले बीजेपी कई सांसद और बाकी जो लोग थे उन्होंने मुलाकात की थी और उसे वक्त यह बात शायद उठाई गई थी कई लोग यह भी मानना है कि 2024 में जो इलेक्शन है।

और सरकार यह जानती है किखिलाड़ियों के मोशंस अगर कोई तक पहुंच जाते हैं या इस तरह से शक्ति प्रदर्शन किया जाता है कि दबदबा था दबदबा है दबदबा रहेगा तो फिर इसका मैसेज जो है वह शायद खराब जाता है एक ऐसा मैसेज जाता है जिसमें अहंकार की बुक सुनाई पड़ती है और जब अहंकार आता है तो फिर वहां से पतन शुरू जाता है और शायद सरकार इस बात को लेकर समझ रही थी।

 और इसी वजह से उन्होंने यह कसम की जो कदम है हालांकिजो सरकार के खिलाफ लोग हैं उनका कहना है कि यह दबाव है खिलाड़ियों का लोगों का जिसकी वजह से सरकार को झुकना पड़ा मजबूर कर दियासरकारसे भी खिलाड़ियों ने कहा था कि हमने भी पहले कहा था। लेकिन व्यक्तिगत तौर पर मुझे यह लगता है कि 47 वोटो में 40 वोटो के पानी के बाद जो शक्ति प्रदर्शन की तस्वीर आई थी।

 जो बृजभूषण शरण सिंह बयान आज तेरे अगर यही बयान उनके समर्थकों या उनकी तरफ से उसे वक्त आया होता तो शायद यह फेडरेशन को सस्पेंड करने की बात निकल करना ही होतीवह दबदबा था दबदबा है दबदबा रहेगा वह कहीं ना कहीं फ्लाइट एरोगेंस की बात थी ऐसा मेरा मन हो सकता है शायद मैं गलत हूं मेरी समझ गया तो लेकिन बृजभूषण शरण सिंह ने इस बात को लेकर एतराज ज्वाइन किया है।

 और प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि खेल वातावरण फिर से शुरू हो सके इसके गोंडा में नेशनल चैंपियनशिप करवाई जा रही थी शरण सिंह का घर जो है वह गोंडा में है और यही बात साक्षी मलिक ने भी उठाई थी कि वहीं पर करवाने का मतलब क्या है इसका मतलब यह है कि आप एक मैसेज दे रहे हैं स्ट्रांग मैसेज देना है। और सरकार पर कहा कि आपने हमसे वादा किया था सरकार भी समझता है कि बृजभूषण सांसद है उनका भी ध्यान रखना है।

 लेकिन खिलाड़ी जो है उनको भी आप बिल्कुल अलग अलग नहीं कर सकते क्योंकि हरियाणा भी जितना हैहरियाणा में भी सरकार बनानी है वहां पर भी एक बड़ी बिरादरी है जो सरकार को देख रही है क्या चल अप वास हरियाणा ना हो जाए दूसरा बैठे बिठाये विपक्ष को एक मौका ना मिल जाए।

 क्योंकि यहां नाराजगी अपने सांसद की है लेकिन अगर यह ना होता तो शायद विपक्ष के जो सांसद थे वह इस मामले को उठाकर जबरदस्त तरीके से प्रचार प्रसार करते हैं जोर-जोर करते तो इससे सरकार के समर्थक जो है वह मास्टर स्ट्रोक कह सकते हैं विपक्ष वाले जो है वह कह सकते हैं कियह हमारा असर है हमने दबाव बनाना शुरू के इस वजह से ऐसा हो गया लेकिन फिलहाल बृजभूषण के शब्दों के मायने बड़े गंभीर हैं जहां पर वह कहते हैं कि मेरा कुश्ती संघ से कोई लेना देना नहीं साक्षी मलिक ने भी सन्यास लिया मैंने भी सन्यास लिया अब सरकार के फैसले पर जो भी बात करनी होगी वह नई फेडरेशन करेगी।

 यह उनके शब्द है वह कहते हैं कि मेरा कोई लेना देना नहीं है मैं एक सांसद हूं और संसद के तौर पर ही मैं आगे काम करना चाहूंगा खिलाड़ियों के हित को देखते हुए सरकार से मेरा अनुरोध है कि नेशनल चैंपियनशिप पर जो रोक लगी है उसे हटा दिया जाए बाकी दबदबा पोस्ट को लेकर उन्हें कह दिया कि भैया मेरा कोई लेना देना नही है।

जो पूनिया है उनका यह कहना कि अभी वह नहीं लेंगे सम्मान जो वापस किया था बजरंग पुनिया कहते हैं कि जब न्याय मिल जाएगा उसके बाद विचार करेंगे पद में वार्ड लेना है नहीं देना है साक्षी की मम्मी भी कह रही है कि साक्षी और उनके परिवार स्वागत करता है। इस फैसले का और अगर राय मिला तो वह भी वापसी को लेकर विचार करेंगे संजय सिंह जो चुने गए थे 45 घंटे के लिए वह कहते हैं कि मैं हैरान हूं सरकार ने फैसला क्यों किया शॉपिंग है मेरे लिए आप क्या सोचते हैं कमेंट में जरुर  बताए।

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